छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने "गोधन न्याय योजना" शुरू की है जो पशुधन संरक्षण और किसानों के आर्थिक सुधार को संबोधित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से, छत्तीसगढ़ सरकार पशुओं के आवास और उनके उपयोग से प्राप्त होने वाले गोबर की खाद को मूल्यवर्धित करने का प्रयास कर रही है।
गोधन न्याय योजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों की आय बढ़ाना है। इसके तहत, सरकार पशुओं के खाद को संग्रहित कर उसे उचित मूल्य पर खरीदती है और इसकी कीमत किसानों के खाते में सीधे जमा करती है। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करने के साथ-साथ पशुओं के संरक्षण और पोषण के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।
गोधन न्याय योजना में, गोबर की खाद के उत्पादन को पशुधन संरक्षण केंद्रों में बढ़ावा दिया जाता है। पशुधन संरक्षण केंद्र गोबर को विशेष ढंग से संग्रहित करते हैं और उसे उचित मूल्य पर खरीदते हैं। इसके बाद, यह गोबर खाद उत्पादन समूहों के बीच बंटवारा किया जाता है और उन्हें उचित मूल्य पर बेचा जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए, सरकार गोबर की खाद के लिए न्यायसंगत मूल्य स्थापित करती है, जिससे पशुपालकों को अधिक मूल्य प्राप्त होता है और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारती है।
इस योजना के तहत, गोबर की खाद के खरीदारों को तीन प्रकार की सब्सिडी प्रदान की जाती है। पहले प्रकार की सब्सिडी में, सरकार 25 प्रतिशत तक की खरीद की कीमत का भुगतान करती है। दूसरे प्रकार की सब्सिडी में, सरकार 50 प्रतिशत तक की खरीद की कीमत का भुगतान करती है। तीसरे प्रकार की सब्सिडी में, सरकार 75 प्रतिशत तक की खरीद की कीमत का भुगतान करती है। इससे किसानों को अधिक मूल्य प्राप्त होता है और वे अधिक आय का हिस्सा बन सकते हैं।
गोधन न्याय योजना के माध्यम से, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार पशुओं के संरक्षण, किसानों की आर्थिक स्थिति का सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को प्रोत्साहित करने में मदद कर रही है। इसके साथ ही, यह योजना पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गोबर की खाद का उपयोग खाद्य उत्पादन में सुस्ती और उर्वरकों की आवश्यकता को कम करके जल संरक्षण में मदद करता है।
छत्तीसगढ़ की "गोधन न्याय योजना" किसानों को अधिक मूल्य प्राप्त करने, पशुओं के संरक्षण को प्रोत्साहित करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके माध्यम से, छत्तीसगढ़ की सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देने और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने का निरंतर प्रयास कर रही है।
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