छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग अपने विशेष स्वभाव और अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है। इस उद्योग का एक ऐसा चमकता हुआ मंच है "चल हट कोणो देख लिही"। यह फिल्म छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को गर्व से प्रस्तुत करती है।
"चल हट कोणो देख लिही" एक छत्तीसगढ़ी फिल्म है जिसे रामेश माणिकपुरिया ने निर्देशित किया है। यह एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है जिसकी कहानी छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में घूमती है। यह फिल्म छत्तीसगढ़ की स्थानीयता, भाषा और सांस्कृतिक महत्वपूर्णता को अद्यतित ढंग से प्रदर्शित करती है।
चल हट कोणो देख लिही की कहानी एक साधारण लड़के रामशरण की है, जो अपने गांव में आनंदपूर में रहता है। उसकी जिंदगी में खुशियां और उम्मीदें हैं, लेकिन वह अपनी परिस्थितियों से परेशान है। फिल्म में उसकी मासूमियत, मनोरंजक दृश्य और व्यक्तित्व को उजागर किया गया है।
फिल्म की कहानी में रामशरण के साथ-साथ उसके दोस्त और परिवार के सदस्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। यह फिल्म उनकी जिंदगी की कुछ हंसी मजाक भरी और गर्माहट भरी पलों को दर्शाती है।
"चल हट कोणो देख लिही" फिल्म में छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, गांव की महौल और लोक परंपराओं को भी अद्वितीय ढंग से दर्शाया गया है। इसमें स्थानीय संगीत, नृत्य और रंगबिरंगे परिधान भी दिखाए गए हैं, जो इस फिल्म को छत्तीसगढ़ की अपनी पहचान देते हैं।
"चल हट कोणो देख लिही" फिल्म छत्तीसगढ़ी उद्योग में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह फिल्म न केवल छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद कर रही है, बल्कि उद्योग के लिए नए और प्रतिभाशाली कलाकारों को भी मौका प्रदान कर रही है।
"चल हट कोणो देख लिही" एक मनोरंजक और प्रेरणादायक फिल्म है जो छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति की महत्वपूर्णता को उजागर करती है। यह फिल्म दर्शकों को एक मनोहारी यात्रा पर ले जाती है, जहां हंसी, खुशी और अद्वितीयता है। छत्तीसगढ़ की इस अनूठी फिल्म को देखकर दर्शकों को निश्चित रूप से मनोरंजन का आनंद मिलेगा और उन्हें छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति के प्रति गहरी आदर्शवादी भावना को भी उजागर करेगी।
0 Comments